दीवाली 2025 के वास्तु टिप्स: घर में समृद्धि और शांति लाने के उपाय
परिचय
Vastu Tips for Diwali 2025 सिर्फ घर सजाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और मानसिक शांति लाने का माध्यम भी है।दीवाली, भारत का सबसे पवित्र और रोशनी से भरा त्योहार, सिर्फ़ दीप जलाने और मिठाइयाँ बाँटने का अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्मिक रूप से नकारात्मकता से प्रकाश और जागरूकता की ओर बढ़ने का प्रतीक है।
वास्तु शास्त्र कहता है कि घर में मौजूद हर दिशा और तत्व हमारे जीवन की ऊर्जा को प्रभावित करता है। जब ये तत्व संतुलित होते हैं, तो घर में सुख, समृद्धि और शांति का प्रवाह स्वतः होता है।
दीवाली 2025 सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस समय जब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, यह अत्यंत आवश्यक है कि आपका घर वास्तु अनुसार संतुलित हो — ताकि शुभ ऊर्जा का प्रवेश अधिक हो और नकारात्मकता दूर रहे।
1. सफाई और अव्यवस्था से मुक्ति – शुभ ऊर्जा का पहला कदम
वास्तु के अनुसार, जहाँ गंदगी और अव्यवस्था होती है, वहाँ लक्ष्मी का वास नहीं होता।
दीवाली से पहले संपूर्ण घर की गहरी सफाई करें:
उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) की सफाई विशेष रूप से करें क्योंकि यह क्षेत्र धन, आध्यात्मिकता और बुद्धि से जुड़ा है।
घर के कोनों, स्टोर रूम, और छत पर जमा पुराने सामान को बाहर करें — इससे अटकी हुई ऊर्जा मुक्त होती है।
सफाई करते समय पानी में थोड़ा सेंधा नमक मिलाएँ, यह घर की नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करता है।
अग्नि तत्व को सक्रिय करने के लिए रोज़ाना धूप या कपूर जलाएँ।
2. मुख्य द्वार का वास्तु – लक्ष्मी के स्वागत का द्वार
मुख्य द्वार को वास्तु में सिंहद्वार कहा जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा का प्रवेश द्वार है।
दीवाली पर इसका विशेष ध्यान रखें:
दरवाज़े के दोनों ओर आम या अशोक के पत्तों की तोरण लगाएँ, यह शुभता का प्रतीक है।
दरवाज़े के ऊपर स्वस्तिक, ओम, शुभ-लाभ या लक्ष्मी के चरण चिन्ह बनाना अत्यंत शुभ माना गया है।
द्वार पर गेंदे के फूलों की माला लगाएँ, क्योंकि यह मंगल ऊर्जा को आकर्षित करती है।
दीवाली की रात मुख्य द्वार के दोनों ओर एक-एक दीपक जलाएँ — इससे देवी लक्ष्मी के प्रवेश के मार्ग में प्रकाश फैलता है।
दरवाज़े के पास जूते, कचरा या टूटे सामान न रखें; ये ऊर्जा प्रवाह को बाधित करते हैं।
3. दीपक और रोशनी का वास्तु महत्व
दीपक केवल सजावट नहीं, बल्कि अग्नि तत्व का प्रतीक है जो अंधकार और नकारात्मकता को दूर करता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में दीपक रखना सबसे शुभ है।
उत्तर दिशा में दीपक रखने से धन और अवसर बढ़ते हैं।
घर के हर कोने में दीपक जलाएँ, विशेषकर ईशान कोण में — यह बुद्धि, शांति और आशीर्वाद का स्थान है।
सात या नौ दीपक जलाना दीवाली पर अत्यंत शुभ माना जाता है।
तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना भी अत्यंत पवित्र है, यह घर की नकारात्मक ऊर्जा को शुद्ध करता है।
4. लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ स्थान और विधि
वास्तु शास्त्र में पूजा स्थान का सही निर्धारण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) पूजा के लिए सबसे उपयुक्त है।
पूजा की चौकी लकड़ी की हो और उस पर पीला, लाल या नारंगी वस्त्र बिछाएँ।
देवी-देवता का मुख पूर्व दिशा में और पूजक का मुख पश्चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
पूजा में कमल का फूल, चांदी के सिक्के और सुगंधित धूप का प्रयोग करें।
दीपक में घी या तिल का तेल जलाना अधिक शुभ फल देता है।
पूजा के बाद घर के सभी कमरों में कपूर या गूगल की धूप दिखाएँ — इससे नकारात्मकता दूर होती है।
5. दीवाली सजावट और रंगों का वास्तु संतुलन:Vastu Tips for Diwali
रंग केवल सुंदरता नहीं बढ़ाते, बल्कि वातावरण की ऊर्जा को भी प्रभावित करते हैं।
बैठक कक्ष में पीला, लाल, या सुनहरा रंग प्रयोग करें — यह समृद्धि और उत्साह का प्रतीक है।
उत्तर दिशा की दीवारों पर हल्का हरा या हल्का नीला रंग अच्छा रहता है।
किचन में नारंगी या क्रीम रंग, और शयनकक्ष में हल्का गुलाबी या ऑफ व्हाइट उपयोग करें।
बहुत अधिक काले, भूरे या गहरे नीले रंग से बचें।
घर के हर कमरे में ताजे फूल, अगरबत्ती और दीपक रखें ताकि प्राकृतिक सुगंध से सकारात्मकता बनी रहे।
6. धन स्थान और कुबेर क्षेत्र का संतुलन
धन का देवता कुबेर जी उत्तर दिशा के स्वामी हैं। इस दिशा का वास्तु संतुलन अत्यंत आवश्यक है।
धन स्थान (मनी कॉर्नर) का वास्तु
घर में कुबेर स्थान यानी उत्तर दिशा को विशेष रूप से साफ और सुसज्जित रखें।
तिजोरी या लॉकर इस दिशा में रखें और उसका मुंह दक्षिण की ओर होना चाहिए।
लॉकर के पास ‘कुबेर यंत्र’ या ‘श्रीयंत्र’ स्थापित करें, यह धन वृद्धि में सहायक होता है।
तिजोरी के ऊपर कोई भारी वस्तु न रखें और न ही उसे बाथरूम या किचन के पास रखें।
उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र, क्रिस्टल ग्लोब या धन का पात्र रखें।
इस क्षेत्र में छोटा जल फव्वारा या मछलीघर रखने से धन प्रवाह बढ़ता है।
उत्तर दिशा में हरियाली या पौधे लगाना भी शुभ है, यह प्रगति का प्रतीक है।
7. रसोई और भोजन कक्ष – अग्नि और अन्न का संतुलन
रसोईघर को घर का अग्नि केंद्र कहा जाता है।
गैस स्टोव को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें और खाना बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
रसोई में ताजे फल, अनाज और मिठाइयाँ सजाकर रखें — यह अन्नपूर्णा ऊर्जा को बढ़ाता है।
अन्न भंडार या दालें दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।
भोजन करते समय दीपक जलाएँ और भोजन के बाद “ॐ अन्नदाता सुखी भव:” कहकर आभार प्रकट करें।
8. शयनकक्ष और पारिवारिक सामंजस्य
शयनकक्ष का स्थान दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ होता है।
बिस्तर का सिरहाना दक्षिण दिशा की ओर रखें।
बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक सामान या दर्पण सीधे बिस्तर के सामने न रखें।
दीवाली के अवसर पर गुलाबी या सुनहरे रंग की चादर बिछाएँ, यह प्रेम और शांति का प्रतीक है।
बैठक में परिवार के सभी सदस्य पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें, इससे बातचीत में सकारात्मकता आती है।
9. पौधे और प्राकृतिक तत्व – जीवन ऊर्जा के वाहक
पौधे न सिर्फ ऑक्सीजन देते हैं बल्कि जीवन ऊर्जा (प्राण) का स्रोत भी हैं।
तुलसी का पौधा घर के आंगन या बालकनी के पूर्व दिशा में रखें।
मनी प्लांट को उत्तर दिशा में रखें, यह वित्तीय स्थिरता लाता है।
पीस लिली या बांस पौधे सकारात्मकता बढ़ाते हैं।
कैक्टस या कांटेदार पौधे घर में नहीं रखने चाहिए, ये तनाव और मतभेद लाते हैं।
10. दीवाली के बाद ऊर्जा संतुलन बनाए रखने के उपाय
प्रतिदिन एक दीपक ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में जलाएँ।
हफ्ते में एक बार कपूर और लौंग जलाकर पूरे घर में धुआं फैलाएँ — यह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है।
सुबह-सुबह सुर्य की किरणें घर के अंदर आने दें, यह सबसे शुद्ध ऊर्जा स्रोत है।
घर में “ॐ लक्ष्म्यै नमः” या “श्रीं” मंत्र का नियमित जाप करें।
निष्कर्ष
Vastu Tips for Diwali हमें सिखाता है कि जब हमारा घर, मन और आत्मा संतुलित होते हैं, तभी सच्ची समृद्धि और शांति आती है।
दीवाली 2025 पर इन सरल वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने घर को न केवल रोशनी से, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और आनंद से भी भर सकते हैं।
याद रखें — जहाँ स्वच्छता, संतुलन और भक्ति है, वहीं माँ लक्ष्मी स्थायी रूप से वास करती हैं।
FAQ – दीवाली वास्तु से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. लक्ष्मी पूजा किस दिशा में करनी चाहिए?
लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा पूर्व या ईशान कोण में करें। देवी का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और पूजक पश्चिम या उत्तर दिशा की ओर मुख करें।
2. दीपक जलाने की सही दिशा कौन सी है?
दीपक को दक्षिण-पूर्व दिशा में जलाएँ। धन वृद्धि के लिए एक दीपक उत्तर दिशा में भी अवश्य रखें।
3. कौन से पौधे दीवाली पर घर में रखें?
तुलसी, मनी प्लांट, बांस और पीस लिली पौधे सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक हैं।
5. कौन से रंग दीवाली के लिए शुभ हैं?
पीला, लाल, हरा और सुनहरा रंग दीवाली पर अत्यंत मंगलकारी हैं। ये ऊर्जा, धन और उत्साह का प्रतीक हैं।
6. लक्ष्मी जी को घर में कैसे स्थायी रूप से बनाए रखें?
घर को हमेशा स्वच्छ रखें, नियमित दीपक जलाएँ, और “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।

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